देवमणि पांडेय:4 जून 1958 को सुलतानपुर (उ.प्र.) में जन्मे देवमणि पांडेय हिन्दी और संस्कृत में प्रथम श्रेणी एम.ए. हैं। अखिल भारतीय स्तर पर लोकप्रिय कवि और मंच संचालक के रूप में सक्रिय हैं। अब तक दो काव्यसंग्रह प्रकाशित हो चुके हैं- "दिल की बातें" और "खुशबू की लकीरें"। मुम्बई में एक केंद्रीय सरकारी कार्यालय में कार्यरत पांडेय जी ने फ़िल्म 'पिंजर', 'हासिल' और 'कहां हो तुम' के अलावा कुछ सीरियलों में भी गीत लिखे हैं। फ़िल्म ' पिंजर ' के गीत '' चरखा चलाती माँ '' को वर्ष 2003 के लिए 'बेस्ट लिरिक आफ दि इयर' पुरस्कार से सम्मानित किया गया।आपके द्वारा संपादित सांस्कृतिक निर्देशिका 'संस्कृति संगम' ने मुम्बई के रचनाकारों को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाई है। radiosabrang.com पर गीत-ग़ज़लों की ऑडियो प्रस्तुति|
ख़यालों में तुम्हारे जब कभी मैं डूब जाता हूं
जिधर देखूं नज़र के सामने तुमको ही पाता हूं
मोहब्बत दो दिलों में फ़ासला रहने नहीं देती
मैं तुमसे दूर रहकर भी तुम्हें नज़दीक पाता हूं
किसी लम्हा किसी भी पल ये दिल तनहा नहीं होता
तेरी यादों के फूलों से मैं तनहाई सजाता हूं
तेरी चाहत का जादू चल गया है इस तरह मुझ पर
ख़ुशी में रक्स करता हूं मैं ग़म में मुसकराता हूं
तुझे छूकर तेरी ख़ुशबू हवा जब लेके आती है
कोई दिलकश ग़ज़ल लिखता हूं लिखकर गुनगुनाता हूं
मेरे दिल पर मेरे एहसास पर यूं छा गए हो तुम
तुम्हें जब याद करता हूं मैं सब कुछ भूल जाता हूं
मेरी आँखों में तू ही तू मेरी धड़कन में तू ही तू
मैं हर इक साँस अपनी नाम तेरे लिखता जाता हूं
सम्पर्कः
देवमणि पाण्डेयः ए-2, हैदराबाद एस्टेट, नेपियन सी रोड, मालाबार हिल,
मुम्बई - 400 036, M: 99210-82126 / R : 022-23632727,
devmanipandey@gmail.com
2 comments:
गजल अच्छा लगा. धन्यवाद.
ye gazal to nahi sayad ,teri justju ka ahsas hai:dur to ho magar dil ke aaspas hai.
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