मेरा वतन... मेरा वतन..2
ये प्यारा हिन्दुस्तान-2
हम वतन के हैं सिपाही...
वतन के पहरेदार....2
मेरा वतन... मेरा वतन..2 ये प्यारा - 2
डर नहीं तन-मन-धन का...हमें
हम रक्त बहा देगें...-2
वतन के खातिर सरहद पे हम...
प्राण गवां देगें।
ये प्यारा हिंदुस्तान -2
मेरा वतन... मेरा वतन..2 ये प्यारा - 2
सात सूरों का संगम देखो
जन-जन की आवाज
गा रहे मिलजुल सब
एक स्वर में आज।
मेरा वतन... मेरा वतन..2 ये प्यारा - 2
हिन्द-हिमालय, हिम शिखर,
केशरिया मेरा देश।
उज्ज्वल शीतल गंगा बहती,
हरियाली मेरा खेत,
पूर्व-पश्चिम, उत्तर-दक्षिण...
लोकतंत्र मेरा देश
चक्रधरा धरती माँ तुझको
शीश नमन करते हम
माँ ! शीश नमन करते हम!
हम सब भारत की संतान
हमको दो आशीष महान।
'जय-हिन्द', 'जय-हिन्द'
'जय-हिन्द', 'जय-हिन्द', 'जय-हिन्द'!
नमन तुम्हें, नमन तुम्हें, नमन तुम्हें,
वतन की राह पे खड़े तुम वीर हो,
वतन पे जो मिटे वो तन,
नमन तुम्हें।नमन तुम्हें,
नमन तुम्हें, नमन तुम्हें,
ये शहीदों की चित्ता नहीं,
भारत नूर है,
चरणों पे चढ़ते 'हिन्द' ! तिरंगे फूल हैं।
मिटे जो मन, मिटे जो धन,
मिटे जो तन वतन की राह पे खड़े तुम वीर हो,
वतन पे जो मिटे वो तन,
नमन तुम्हें नमन तुम्हें! नमन तुम्हें! नमन तुम्हें!
मारो मुझे एक ऐसी कलम से,
जिससे फड़कती हो मेरी नब्जें;
लड़ते रहें, हम लेकर नाम मज़हब का,
मुझको भी जरा ऐसा लहू तो पिलावो,
बरसों से भटकता रहा हुं,
कहीं एक दरिया मुझे भी दिखाओ;
बना के वतन की नाव यहाँ पे;
मेरे मन को भी थोड़ा तो बहलाओ।
मरने चला जब वतन कारवाँ बन,
कब तक बचेगा जरा ये भी बताएं?
-शम्भु चौधरी, एफ.डी.-453, साल्टलेक सिटी, कोलकाता-700106