Dr.SK Mittal
कान्हा खेलत ब्रिज में ग्वालन संग
घुसत गोपियन के घर ढुडन माखन
गोपी तरसत छुप झाँकत, कब आवेंगे नन्दलाल
देख कान्हा, दर्शन पात, होजावे निहाल
लेत बलिआं, पीछे भागत, पकड़वे को नटवरलाल
अंखियन नीर बहावत, कमलपद पखारत, जपे गोपाल
ये नटखट,लीला करत,गोपियन को खिजावत,करे धमाल
छाछ के लोटे पे,त्रिभंगी को नचावे,देखो गोपियन को कमाल
मनभाव दुसरो,काम दूसरो,पकडे श्याम को, डाले जाल
सुन स्यानी, जो इसे ध्यावे,
वोह तो, निहाल और खुशहाल
1 comment:
शानदार .... एक अनुरोध है ... अगर आपको आती हो तो बृजभाषा में भी प्रयास करें शानदार पड़ निकलेंगे
Post a Comment