जो न सुनता, न जानता हो
औरतों के जिस्म को न
पहचानता हो,
सिर्फ मर्दों का हक
कानून में बोलता हो,
खुद का क्रोध,
दूसरे पर थोपता हो
अंधविश्वास की नींव पर
टिक
दूसरे धर्म में
अविश्वास के ज़हर रोपता हो । -शम्भु चौधरी
- कविगण अपनी रचना के साथ अपना डाक पता और संक्षिप्त परिचय भी जरूर से भेजने की कृपा करें।
- आप हमें डाक से भी अपनी रचना भेज सकतें हैं। हमारा डाक पता निम्न है।
- Kavi Manch C/o. Shambhu Choudhary, FD-453/2, SaltLake City, Kolkata-700106
Email: ehindisahitya@gmail.com
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2 comments:
सच है !
कट्टरवाद की कितनी सटीक परिभाषा दी है आपने ,
.............ा क्रोध,
दूसरे पर थोपता हो
अंधविश्वास की नींव पर
टिक
दूसरे धर्म में
अविश्वास के ज़हर रोपता हो ।
क्रन्तिकारी रचना ..बधाई हो
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