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रावण - सुरिन्दर रत्ती - मुंबई

आज अख़बार में एक ख़बर पढ़ी
रावण का कद छोटा हो गया है ।
मैं पढ़ कर थोड़ा हैरान हुआ
महंगाई ने भले ही रावण का कद
छोटा कर दिया हो
लेकिन रावणों के ग़लत मंसूबों पर
पानी फेरना अत्यंत कठिन काम है ।
रावण आज भी हमारे हृदय में बसता है ।
राम को दिल में रखने की जगह नहीं है ।
रावण के दस सिर हैं
और दस सिरों में से अनेक प्रकार के
विषय-विकार जन्म लेते हैं ।
आज के आधुनिक युग में,
विभीषण भी बहुत हैं
और रावण भी बहुत हैं
देश और धर्म की सेवा करनेवाले
विरले ही नज़र आते हैं ।
रावण वो विशाल वृक्ष है,
जिसकी जड़ों पर हर इंसान
अपने स्वार्थ का पानी डाल कर,
उसको पुष्टि देता है, ताक़त देता है ।
आज हम सब लोग रावण के हाथ
मज़बूत कर रहे हैं ।
कौन कहता है के रावण मर गया है,
उसका कद छोटा हो गया है ।
आप अपने इर्द-गिर्द देखेंगे तो
राम के भेस में रावण नज़र आयेंगे,
हम सभी रावण की ही भक्ति
रोज़ करते हैं ।
उसकी हर बुराई की नकल करते हैं,
उस पर अमल करते हैं ।
हमारे देश भारत में
प्रतिदिन सीता की इज्ज़त नीलाम होती है
और लोग सिर्फ़ तमाशा देखते हैं ।
आप कह सकते हैं, युग बदला है
लेकिन हमारा स्वभाव, हमारी बुरी आदतें
नहीं बदली ।
हमारे विषय-विकारों का दायरा,
रावण के कद से कई लाख गुणा बड़ा है ।
रावण हमारी प्रेरणा का साधन बन गया है ।
मर्यादा पुरुषोत्तम राम के वचन
किताबों तक ही सीमित रह गये हैं
और हम सिर्फ़ रामराज की कल्पना ही
कर सकते हैं ।
आप ही बताईये रावण के भक्त
राम की भक्ति कैसे कर सकते हैं?
मन में राम को बसा लो या रावण को,
क्योंकि मन तो हमारे पास एक ही है ।
गुरूग्रंथ साहिब की गुरूबाणी में लिखा है
"एक लख पूत सवा लख नाती
तिस रावण के घर दीया न बाती"
तो साथीयो कहने का अर्थ यह है
बुराई पर अच्छाई कि विजय अवश्य होगी ।
ये बात आप स्वर्ण अक्षरों में लिख लो ।


सुरिन्दर रत्ती - मुंबई


परिचय:
नाम : सुरिंदर रत्ती
पता : ओमकार का-आप हाउसीन्ग सोसायटी, म-१-डी, रुम न. ३०४,
सायन, मुम्बई - ४०० ०२२.
उम्र : ४५ वर्ष
सर्विस : यूनिवर्सल म्युज़िक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (मेनेजर प्रोडक्ट इन्फोर्मेशन ) मुम्बई
शिक्षा : बी.कॉम, मुम्बई यूनिवर्सिटी, और हिन्दुस्तनी शास्त्रीय संगीत की जानकारी ली
रुचि : गीत-संगीत लिखना और गाना, पुस्तकें पढना, काव्य गोष्टीयों में भाग लेना,
फोटोग्राफी, ट्राव्लींग इत्यादी
कुछ समय पहले मेरी दो आडियो केसेट आ चुकी हैं और एक पुस्तक पर काम चल रहा है.
उसमें कवितायें, शेरो-शायरी, गज़ल शामिल करुंगा.

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