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विस्फोट का धुंआ उठ रहा है -Binod Ringania



दफ्तर से देखा कि
विस्फोट का धुंआ उठ रहा है
और
वह मेरे भीतर जमा हो रहा है।

कितने विस्फोट हुए
खबरची पूछ रहे थे
गिनती पूरी नहीं हुई थी
मेरे अंदर विस्फोट जारी थे

इतनी बार
मरा मैं
मौके पर और अस्पताल में
कि और
मरने की
ताकत नहीं बची।


-Binod Ringania
Guwahati, Assam, India
http://diarywriter.blogspot.com/

1 comment:

महेश कुमार वर्मा : Mahesh Kumar Verma said...

और
मरने की
ताकत नहीं बची।

पर जबरन ही लोग हमें मार रहे हैं.

धन्यवाद.