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महंगाई देवी - डॉ रविन्द्र कुमार

हे महंगाई देवी तेरी महिमा है न्यारी,
तू है जनता पे आफत भारी।
किसी ने कहा है तुझको डायन,
किसी ने बोला है तुझको महामारी।
तेरे कारण उठा है जनता का चांटा,
सकते मे है अंबानी, बिरला व टाटा।
तेरी वजह से बिके है बंगले,
तूने ही गरीब की चढ्ढी उतारी।
तेरे कारण हुये है अनशन,
हुआ है परेशान जन जन।
तेरी वजह से बढे है कर्ज,
छूट गये पीछे कई फर्ज।
हे देवी सून ले तू,
ये करुण विनती हमारी।
सबको मिले दो वक्त की रोटी,
ना मुरझाये किसी झोंपडी की फुलवारी।
हे मंहगाई देवी बस सून ले तू,
ये इतनी विनती हमारी।


ग्राम-वेदखेडी, पोस्ट- झिंझाना,
जिला- प्रबुद्ध नगर (उत्तर प्रदेश)

3 comments:

Dr. Ravindra Kumar said...

I am very Thankful to Kavi Manch and Team especially Shambhu Choudhary ji for publishing my Hindi poem.

महेश कुमार वर्मा : Mahesh Kumar Verma said...

Bahut achchha. Dhanyawaad.

-- mahesh

महेश कुमार वर्मा : Mahesh Kumar Verma said...

Bahut achchha. Dhanyawaad.

-- mahesh