tag:blogger.com,1999:blog-4299790611800067981.post7026547004672998630..comments2023-10-17T05:21:51.334-07:00Comments on Kavi Manch: डॉ.विजय बहादुर सिंह की कुछ कविताएँShambhu Choudharyhttp://www.blogger.com/profile/03776713428128546589noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-4299790611800067981.post-65906475810837134052009-10-07T13:36:01.718-07:002009-10-07T13:36:01.718-07:00बहुत बहुत शुक्रिया. आपने मुझे इंटरनेट की दुनिया मे...बहुत बहुत शुक्रिया. आपने मुझे इंटरनेट की दुनिया में मेरे गुरू से मिलवा दिया. सालों से मेरा संपर्क उनसे टूटा हुआ है. उनके बाकी विद्यार्थियों की तरह मैं भी एक हूं. उन्हें मुझे पचनाने में तो वक्त लगेगा.लेकिन प्लीज़ अगर आप मुझे उनका नंबर मुहैया करा दें तो मेहरबानी होगीAmbikapuriyahttps://www.blogger.com/profile/05370594028382063803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4299790611800067981.post-56656730219202756242008-11-15T03:14:00.000-08:002008-11-15T03:14:00.000-08:00सबसे पहले तो आपको श्री विजय बहादुर सिंह जी की कवित...सबसे पहले तो आपको श्री विजय बहादुर सिंह जी की कविताएं पढवाने के लिए धन्यवाद <BR/><BR/>पतझर<BR/>लटका हुआ है पेड से<BR/>पेड़ की चुप्पी तो देखिये<BR/>देखिये उसका धीरज<BR/><BR/>बेहद खूबसूरतमोहन वशिष्ठ https://www.blogger.com/profile/00939783274989234267noreply@blogger.com